रोते हो? भरी महफ़िल में? मैं भी हूँ। अच्छा नहीं लगता। एक अफ़साना समझो छोर दो। जाने दो। नई दास्तां लिखे? मेरी गुज़ारिश है ये। - Aquilur Rahman Delhi School of Journalism #Mehfil #Guzarish #Afsana #tatsam #nsit #25Words #Nojoto