यादों के उजाले में, मेरा ख़्वाब मेरे साथ होता है। हो जाऊं कितनी भी अकेली, वो साथ होता है।। आंखें बंद करुं तो, मेरी आंखों में घूमता सपना। मेरे ख़्वाब के सिवा, जग में नहीं है कोई अपना।। हर घड़ी हर पल, ये मुझे बेचैन किए रहता है। करना है मुझे अपना नाम, ये संदेश दिए रहता है।। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-82 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।