पिता बोले! हे मान्यवर जो है मेरा, सब सौंपा तुझको फिर भी कुछ कमी दिखे तो क्षमा तुम कर देना मुझको। 🙏🙏🙏🙏 बोले तब लड़के के पिता "तुम क्यों मुझसे घबराते हो तुम मुझसे बड़े बनते जाते हो मैं याचक हुँ , तुम दाता हो तुम मेरे भाग्यविधाता हो सोने-चाँदी, हीरे-मोती ये सब तो बेमोल हैं जो तुमने मुझको दिया बस वही "दान" अनमोल है। बेटी तेरा जीवन है तेरे घर की वो जान है वो लक्ष्मी बन मेरे घर आएगी अब वो हमारा अभिमान है तु ना हाथ जोड़ ना युँ बन कमज़ोर सुन बात मेरी देख मेरी ओर जो तुने मुझे दिया मोल उसका पहचान इस जग में उससे बड़ा दानी ना कोई जिसने किया है "कन्यादान" 🙏🙏🙏 अनिता पाठक 07-04-2020 #दान