क्या कान अब भी तुम्हारे बंद है क्या वो चीख तुमने सुनी नहीं मुझतक तो वो आ रही थी दर्द में वो रो रही थी क्या सच में तुमने सुना नहीं या कान अब भी तुम्हारे बंद है सुनो वो रोने की सिसकियां कितनी की उसने विनतियां फिर भी वो वहसी चढ़े रहे अपनी हैवानियत पे अड़े रहे जांघे उसकी सूर्ख हो गई वो बेचारी बेहोश गई फिर भी उनकी हैवानियत रुकी नहीं उनको अपनी बहिन बेटी भी दिखी नहीं आखिर सब कुछ ख़ामोश हो गया जिस्म उसका स्याह हो गया उस खामोशी में भी वो चीखी थी क्या वो चीख तुमने सुनी नहीं या कान अब तक तुम्हारे बंद है पर तुम तो इन सबके आदी हो गए हो क्या सच में तुम तमाशाई हो गए हो क्या दिखता नहीं तुमको जिस्मो से कपड़े उतरते हुए या खुद भी ऐसी मंशा है जो अबतलक तुम मौन हो इस मौन रहते हुए भी तुमने कुछ सुना नहीं या कान अब तक तुम्हारे बंद है क्या याद है तुमको निर्भया या उन्नाव में क्या हुआ और मजहब को भी बीच में ला दिया आसिफा को भी शिकार कर लिया ना जाने कितनो के साथ ऐसा हुआ है प्रियंका और रोजा का नाम ही तो जुड़ा है क्यूं अब तेरा लहू खौलता नहीं या सूख गई तेरी सारी धमनियां क्या सुनी तुमने उन धब्बों की सिसकियां या कान अब भी तुम्हारे बंद है दुनिया की यही तो रीत होती है चंद लोगों की वजह से ही तो बदनामी होती है और अब तो मर्द जात से भी घिन हो गई है खुद से भी नफरत सी हो गई है और हो सके तो ये नारीजाति माफ करदे हम गुनेहगार है तेरे बदले में चाहे प्राण हरले मेरे । #rape#victim#priyanka