रुख़सत जब वो हुआ हमसे कि सुकून की बयार ले गया देकर के अनगिनत स्वप्न यूँ, नयनों में वो इंतज़ार दे गया थम सी गई साँसे, बहती जीवन सरिता को प्यास दे गया जीवन में विरह का दंश चुभा, वीराना सा संसार दे गया #विशेषप्रतियोगिता #rztask232 #restzone #collabwithrestzone #rzलेखकसमूह #लेखनसंगी #YourQuoteAndMine Collaborating with Nivedita Nonhare