मन का दीप खुदा छुट्टीराम- "मेरे प्यारे बच्चों, मैं ही था, हूँ और सदा रहूँगा, तुम सबके मन का सबसे बड़ा मीत(दोस्त)... हो गई शुरू ऋतु शीत... अपने मन के अंधकार की छुट्टी करने लिये जला लो छुट्टी(ज्ञान) से अपने मन का दीप.... 'छुट्टीकुल रीत सदा चली आई, तब-2 इस ड्यूटीयुग(कलियुग) की छुट्टी आई, जब-2 खुद मैंने अपनी ड्यूटी लगाई...!' बच्चों, अब समझ लो कि- फिर से छुट्टीयुग(सतयुग) की बारी आई!" @बधाई हो छुट्टी की प्यारी मुक्की👊😇की🙏 #Diwali खुदा छुट्टीराम- "मेरे प्यारे बच्चों, मैं ही था, हूँ और सदा रहूँगा, तुम सबके मन का सबसे बड़ा मीत(दोस्त)... हो गई शुरू ऋतु शीत... अपने मन के अंधकार की छुट्टी करने लिये जला लो छुट्टी(ज्ञान) से अपने मन का दीप....