जग के कष्ट हरो हर लो प्राणी के मन की हर माया दुख की धूप मिटे कर दो हर घर में सुख की तुम छाया छल प्रपंच न रहे हृदय को ज्ञान ज्योति से तुम भर दो लालच से है भरा मनुज तुम इसका मन निर्मल कर दो बैर मिटे आपस का और फिर हर घर बने अयोध्या धाम रट ले हर दम नमामि राम नमामि राम नमामि राम ©कवि मनोज कुमार मंजू #Ramnavami #रामनवमी #नमामि_राम #मनोज_कुमार_मंजू #मँजू