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White अधम चाहे वंदन को,लोभी चाहे माया धन को कामी

White अधम चाहे वंदन को,लोभी चाहे माया धन को 
कामी केवल कोमल तन को 
काम किये बिन दाम चाहिए,धन वैभव आराम चाहिए 
ठौर ठिकाना धाम चाहिए,यहां सभी को आराम चाहिए
 बंदी को मुक्ति की चाहत,चोरो को युक्ति की चाहत 
स्वामी को भक्ति की चाहत,सत्ता को शक्ति की चाहत 
यहाँ चाहते बहुत बड़ी है,प्रतिपल एक घड़ी है 
हिमशिखरो सी बड़ी चाहतें,स्वार्थ के लिए खड़ी है चाहतें
 मिलते जाये उतना चाहे,सागर बुंदे जितना चाहते 
लेकिन फिर कुछ लोग यहां है,जो केवल बस ईतना चाहे
🇨🇮 इसके मान की रक्षा हेतु,हृदय शून्य में भले समासये
 आन वान और शान तिरंगा युगो युगो तक अंबर में लहराये युगो युगो तक अंबर में लहराये 
वन्दे मातरम् जय हिन्द जय भारत

©Sulekha Kumari
  #happy_independence_day  देशभक्ति कविता advocate SURAJ PAL SINGH  vinay panwar  Ravi Ranjan Kumar Kausik  IshQपरस्त  बाबा ब्राऊनबियर्ड