खुली किताब सी है ज़िन्दगी भी यूं मेरी।। पता नही उन्हें सच बोलना खल रहा होगा।। सुना हैं ख़्वाब को तुम भी तो ढूंढते हो अब।। ऐसे यूं ख़्वाबो से जाना तो खल रहा होगा।। -आकिब जावेद #nojoto #hindi #kavishala #akib