चल वहाँ अब लौट चलें जहाँ चैन की सांस ली थी तूने, जहाँ सपनों का आशियाँ बनाया था, जहाँ खुशियों की लहर थी उमड़ी, फिर वहीं लौटने को दिल चाहता है ||1|| जहाँ गिर कर संभाला था, संग साथ जहाँ बहुत अपने थे, फिर हारने का डर ना सताता था, फिर वहीं जाने को दिल चाहता है ||2|| क्या पता फिर उनसे मुलाकात होगी, जिन्हें अनजानो से जान बनाया था, एक बार दिल में कुछ उमड़ थी, फिर कहा दिल ने चल वहाँ अब लौट चलें ||3|| (कुछ हलचल सी मन में) ©pppppp ssssss when you walk forward , something is left behind #lost