दुख के दिन बीतें नहीं, सुख भी मिला ना कोय। रे मानव तू क्या खोजता, काटेगा वही जो तू बोय।। खुशी अपने दिल में खोज तू, दुख का कारण ना कोय। हँसते-हँसते बिता तू जीवन, तू काहे को रोय।। तू है सबसे अलग, रोक सकेगा तुझे ना कोय। तेरा जैसा इस जग में, दूजा ना कोय।। जो है लिखा किस्मत में, वो ही आखिर होय। सब होता हरि इच्छा से, उनसे बड़ा ना कोय।। दिल में रख तू धीर, सपने रख तू संजोए। ना हार तू हिम्मत, देखा जाएगा जो भी होय।। दुख के दिन बीतें नहीं, सुख भी मिला ना कोय रे मानव तू क्या खोजता, काटेगा वही जो तू बोय खुशी अपने दिल में खोज तू, दुख का कारण ना कोय हँसते-हँसते बिता तू जीवन, तू काहे को रोय तू है सबसे अलग, रोक सकेगा तुझे ना कोय तेरा जैसा इस जग में, दूजा ना कोय