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आंगन का तेरे,मैं बादल होना चाहता हूं रातों का तेर


आंगन का तेरे,मैं बादल होना चाहता हूं
रातों का तेरी,मैं काजल होना चाहता हूं

तेरे दीदार की तलब,बेशुमार लग गई है
अदाओं का तेरी,मैं कायल होना चाहता हूं

पैमानों का नशा तो,फिर भी टूट जाता है
निगाहों से तेरी,मैं घायल होना चाहता हूं

तेरे ज़िक्र ने बढ़ा दिया है,मुश्किलों को मेरी
हर ज़िक्र में तेरे,मैं शामिल होना चाहता हूं

लोग मांगते हैं खुदा से,हर दिन नया कुछ
इश्क में तेरे,मैं कामिल होना चाहता हूं

सिलसिले ख़त्म करना,अब मुनासिब नहीं है
टूटकर अब फिर से,मैं काबिल होना चाहता हूं...

Abhishek Trehan #बादल #रातें #काजल #इश्क़ #शायरी #कविता #yqdidi #sufi

आंगन का तेरे,मैं बादल होना चाहता हूं
रातों का तेरी,मैं काजल होना चाहता हूं

तेरे दीदार की तलब,बेशुमार लग गई है
अदाओं का तेरी,मैं कायल होना चाहता हूं

पैमानों का नशा तो,फिर भी टूट जाता है
निगाहों से तेरी,मैं घायल होना चाहता हूं

तेरे ज़िक्र ने बढ़ा दिया है,मुश्किलों को मेरी
हर ज़िक्र में तेरे,मैं शामिल होना चाहता हूं

लोग मांगते हैं खुदा से,हर दिन नया कुछ
इश्क में तेरे,मैं कामिल होना चाहता हूं

सिलसिले ख़त्म करना,अब मुनासिब नहीं है
टूटकर अब फिर से,मैं काबिल होना चाहता हूं...

Abhishek Trehan #बादल #रातें #काजल #इश्क़ #शायरी #कविता #yqdidi #sufi