तुम झील तो मैं कोई साहिल हूँ, तुम पढ़ी लिखी,और मैं जाहिल हूँ। तेरी मेरी सनम औकात में कुछ फर्क है ऐसा कि तुम हो प्यार की मूरत, मैं नफरत के काबिल हूँ। #नफरत_के_काबिल