ख़्वाब को दफ़न करो "मु'आवजे मिलेंगे"
जुल्म को सहन करो "मु'आवजे मिलेंगे"
निकलेंगे हर एक दिन जिल्लतों भरी
अपनी आँखें नम करो "मु'आवजे मिलेंगे"
प्यार कहां पलता अब इंसानों के ज़हन में
नफरत को जतन करो "मु'आवजे मिलेंगे" #Poetry#lyricist#songwriter#musician#Composer#nandsugandh