कवि,कल्पनाओं का उगता रवि। कवि,कल्पनाओं का उगता रवि। अल्फाज़ो से प्यार करता, पाठक का उद्धार करता, पढने वाला हो चाहे जो भी। कवि,कल्पनाओं का उगता रवि। न चीज को जो बना दे बेहद लजीज़, दो दुश्मन को भी ला दे करीब, आवाक से देखते रह जाते सभी। कवि,कल्पनाओं का उगता रवि। ना कोई सीमा न ही कोई विस्तार, ये सारे जग को लिखता है बारम्बार, या तो जाता हार या जीत जाता कभी कभी। कवि,कल्पनाओं का उगता रवि। #right2write