ए नदियाँ, ए पर्वत, ए हवाएं अब अनजान हो गए हैं ! लगता है इंसान अब शैतान हो गए हैं !! पशु, पंछी अब इस जहां में शायद मेहमान हो गए हैं ! क्योंकि इंसान अब शैतान हो गए हैं !! ए गलियां, ए चौराहे, ए सड़कें अब वीरान हो गए हैं ! क्योंकि इंसान अब शैतान हो गए हैं !! एक दूसरे के दिलों में अब,अपने ही सुनसान हो गए हैं ! क्योंकि जनाब अब इंसान शैतान जो हो गए हैं !!!! #Parikshit singh