यादें है ....... तुम्हारी या जागती आंखों का ख्वाब है .... या फ़िर कोई सुनहरा सा खूबसूरत मंज़र , न रेत है ,ना दरिया है 'ना साहिल है 'ना समंदर.... मगर मेरे वजूद के सारे निशाँ हैं यहाँ.... मेरी जमीं 'मेरे आंसमा हैं 'यहाँ.... खुशबुओं का डेरा है और गुलों की वादियाँ शबनमी रात है और मोहब्बत की चंद कहानियां..... तुम भी चले आओ की' तुम बिन जस्बात अधूरे हैं अभी..... इस ख़्वाब-गाह को मुक्कमिल करने के अरमान अधूरे हैं अभी..... चाँद अधूरा है'...... ये रात भी अधूरी है...तुम आजाओगे तो... हो जाएगी हर बात पूरी.... #यादें#हैं#तुम्हारी#जागती#आँखों#ख़्वाब# #साहिल#समंदर#इश्क़