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मंजूर नहीं करता ख़ुदा सबकी अर्जी उसकी भी अपनी कुछ ह

मंजूर नहीं करता ख़ुदा सबकी अर्जी
उसकी भी अपनी कुछ होती है मर्जी

मिलाता है दिलों को वो अपने मन से
जुदा करने में भी होती है उसकी मर्जी

सहता है जमीं पर जुदाई का दर्द आदमी
ज़ख्म भरने में भी चलती है उसकी मर्जी

गुनहगार फिर क्यों समझा जाता है आदमी
जब सारे हालातों पर चलना है उसकी मर्जी !!

©Anjali Nigam
  #मनमर्जी.….