छोड़ दो ऐसा गुमान के हम छोड़ देंगे तम्हे| कुछ नही सम्भला अगर तो तोर देंगे तम्हे|| दिए हैं कई मवाक़े, एक और लेलो| मोहब्बत के हर टूटे डोर से जोर देंगे तम्हे|| Adnan Rabbani's Shayari • #छोड़ दो ऐसा #गुमान के हम #छोड़ #देंगे तम्हे| #कुछ नही #सम्भला अगर तो तोर देंगे तम्हे|| #दिए हैं कई #मवाक़े, एक और #लेलो| #मोहब्बत के हर टूटे #डोर से# जोर देंगे तम्हे||