देखो कभी आईना और दो ख़ुद को कुछ मुस्कानियाँ ख़ुद ही से ख़ुद ने जो बनायी वो मिटा दो दूरियाँ रौशन सुरों की ख़ुशबुएँ पी जाओ एक ही साँस में उजली सुबह की शाख़ से कुछ तोड़ लो मौसीक़ियाँ मकड़ी के जाले बोरियत के दिल पे हैं जो साफ़ कर, दिल में मनाओ रोज़ तुम अब सैकड़ों दीवालियाँ morning glory