ये ज़रूरी नहीं कि दिल कह सके,तेरी ज़रूरत है। अकेले तो चल सकती हूँ,सफ़र-ए-इश्क़ में तेरी ज़रूरत है। मुमकिन नही तो हर बात की हामी भी मत देना,जरा से सिंदूर को तेरी ज़रूरत है। फ़ैसला सब मेरा ही ना हो,सही मशवरे में तेरी ज़रूरत है। खास तो ज़िन्दगी में बहुत कुछ है, दिल के अज़ीज़ों में तेरी ज़रूरत है। 🎀 Challenge-194 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। आप अपने अनुसार लिख सकते हैं। कोई शब्द सीमा नहीं है।