एक तरफ़ा प्यार ये जो आई है मेरे हिस्से तुफान , इसे क्या कहूं ? अपने आगोश में जकड़ रही है जो तन्हाई, इसे क्या कहूं ? यूं हीं घूंट-घूंट के जियूँ मैं , या खुद को उस इश्क में फना कर दूँ । जिसकी खबर उसके गली तक जाते-जाते दम तोड़ दे । दिसंबर