होती नही है शाम अब पहले जैसी.. मैंने रात जुगनू को डरते देखा.. ख़्वाब हर ख़्वाब रोज़ दफ़न हो रहे किसी के मैंने नींद में इंसान को मरते देखा.. ऐसा भी क्या हुआ इश्क़ मैं अब.. मैंने नम आँखों से लहू टपकते देखा.. हकीकत में छोड़ो इंसान की फितरत.. मैंने ख़्वाब में भी इंसान को बदलते देखा.. ..Shivani. Kya kya badalte dekha...#MainekhawabMainInsaanKoBadalteDekha #Raat #Jugnu #dertedekha #khawabDafanHona #Insaniyat #NojotoHindi #Nojotopoetry #Kavishala #Khalish #IsqMainMarna #Silence #Silent #Haqiqat #Nojoto