स्त्रियाँ चुप नहीं रह पातीं, हर दर्द में कभी अबला, कभी कमज़ोर, हमदर्दी का पात्र बन जाती हैं, चाहे बलात्कार या फिर तेज़ाब फैंक देना, अलग ही तो वो हो जाती है। पुरुष खामोश रह जाते हैं, रोना नहीं आता उन्हें, हमदर्दी कहाँ से मिलेगी उन्हें, शोषण उनका भी तो होता है, समानता ही तो नहीं मिल पाती है। #अबला #कमज़ोर #खामोश #शोषण #हमदर्दी #स्त्रीपुरुष #yqhindi #bestyqhindiquotes