अब कोई सवाल नहीं है तुमसे जो तेरी मर्जी का हो ,वो तुम करो अब अब मेरा तुमसे कोई सरोकार नहीं है मैं नहीं आऊँगा तेरी हाथ की लकीरों में अब अब कालिखे बेचना कोई व्यापार नहीं है किस्सा खत्म ही समझो अब अब मेरे कलम में बचा दवात नहीं है कट कर भी मजा आ रहा है तुमसे पतंग हूँ और आजाद भी हूँ मैं अब ऐसे ही मुझमें उलझा न करो इंसान हूँ ,कोई गणित का हिसाब नहीं हूँ ज़िन्दगी तेरी भी रहेगी और साँसे मेरी भी चलेंगी अब मेरे जिस्म को तेरे रूह की दरकार नही है मेरा लिखा कुछ #Hindipoetry #Rajhans #Nojoto #NojotoHindi