पाप पुण्य का लेखा जोखा ईश्वर के नाम एक चिठ्ठी।। (Read Full piece in caption) वो दुर्मार्ग के रास्ते चलता गया, अपने कर्मों की झोली में पाप भरता रहा। यह सब कर,वो खुश रहता गया। मैं सदमार्ग के रास्ते चलती रही। अपने कर्मों की झोली में पुण्य भरती रही कुछ न हासिल होने पर उदास रहती रही।