*ये जिदंगी,* *तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो हैं,* *कुछ महकती हैं, कुछ मुरझाती हैं और* कुछ *“चुभ जाती हैं”......!!* तमन्नाओं का गुलदस्ता