देख के मुस्कुराते फिर झटकते बाल, क़रीब जाके भी दूर होने का मलाल ; कुछ ऐसा था उनके नज़रों का कमाल, अल्फ़ाज़ बुनते हैं अब उनका ख़्याल ।। -Kumar Prince -Kumar Prince Vidyarthi