औरों से ज़्यादा तुम, ख़ुद पर किया करो ऐतबार, कितनी बार कहा, बेकार मत लाया करो विचार। रखना ही है तो ख़ुद से रखो न सारी उम्मीद तुम, उदासी में भी तुम ख़ुद से रख लिया करो सहार। सुना है न 'बीती ताहि बिसार दे,आगे की सुधि ले' तो फिर याद रख ऐसी बातें, न बढ़ाया करो दरार। जब हो मन अजीब, तब देखा करो नज़रे घुमाकर, यूँ घुट-घुटकर बेवजह ही मत चढ़ाया करो बुख़ार। बोझ भी क्यों बढ़ाना 'धुन', जो मिलती नहीं ख़ुशी, फेंक दो उतार के, मगर यूँ मत दबाया करो ग़ुबार। सहार- Patience ♥️ आइए लिखते हैं #मुहावरेवालीरचना_142 👉 बीती ताहि बिसार दे, आगे की सुधि ले लोकोक्ति का अर्थ --- पिछली बातों को भुलाकर आगे की चिंता करनी चाहिए। ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :)