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किसी को चूमना भी............. एक तरह का सबांद है..

किसी को चूमना भी.............
एक तरह का सबांद है....!
जिसमें शब्द तो नही...!!
पर ब्याकरण जरुर है...!!!
चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है..!!!!
जो जिस्म से पहले....!!!!!
आत्मा को चूमना जानते है...

©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी को चूमना भी,एक तरह का सबांद है,जिसमें शब्द तो नही,पर ब्याकरण जरुर है,चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है,जो जिस्म से पहले,आत्मा को चूमना जानते है.....
किसी को चूमना भी.............
एक तरह का सबांद है....!
जिसमें शब्द तो नही...!!
पर ब्याकरण जरुर है...!!!
चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है..!!!!
जो जिस्म से पहले....!!!!!
आत्मा को चूमना जानते है...

©Rameshkumar Mehra Mehra # किसी को चूमना भी,एक तरह का सबांद है,जिसमें शब्द तो नही,पर ब्याकरण जरुर है,चूमने का ब्याकरण नही समझ पाते है,जो जिस्म से पहले,आत्मा को चूमना जानते है.....