मन का एक कोना.... मन के भीतर एक कोना है.... मैं जाती हूँ, जब रोना है। एक सिरे पर रखी है मैंने, मेरे बचपन की यादें उजली, कुछ सीपे, कुछ टूटे खिलौने, इक गुड़िया है और एक तितली, कुछ बीज भी रखें हैं ऐसे,