ये जलता हुआ ज़मीन का टुकडा.. एक रोते हुए दिल की तरह लग रहा है.. ये दिल किसी और का नही बल्की.. अपनी धरती माँ का दिल लग रहा है.. और जब अपनी माँ रोती है दिल से.. तब आंसू नही दिखते..दिल का दर्द मेहसूस होता है.. और उस दर्द में दिल में बसा हर कोई जलता है.. जैसे इस आग मे लोग..ज़ानवर..पेड़..हर कोई जल गया.. हम देखते रेह गये और सब कुछ माँ का दिल हि सेह गया.. सचमुछ अजीब है ये अपने माँ के प्यार की ममता.. सबकुछ सेहकर खुद ही देहलते दिल पर पानी बरसा दिया! #BushFire #Australia #MotherEarth