सम्मान हमेशा सम्मान मैंने हमेशा सबका किया है तभी कुछ ना कुछ सबसे सिख पाया हूँ इस समय को भी अपनी दुनिया से जोड़ पाया हूँ ज़िंदगी में गिरकर फिर से उठ पाया हूँ इस टूटे हुएं दिल को फिर जोड़ पाया हूँ ज़िंदगी में एक नया गीत गाता हूँ सबके सम्मान के लिये अपनी दुनिया को समझ पाता हूँ हर माँ बाप के सम्मान को में समझ पाया हूँ बचपन वाली यादों में माँ बाप के साथ हाथ में उंगलियां पकड़ कर चलना ... में सिख पाया हूँ बचपन वाली यादों में अपनें आप को फिर से खोया हुआ पाया हूँ सम्मान मैंने हमेशा सबका किया है इसलिए अपनें बीते हुएं कल से कुछ ना कुछ सिख पाया हूँ ........! ©mysterious boy #PoetInYou #Quote #byaks2021 #2021 #मेरेशब्दोंकीदुनिया #nojohindi #सम्मानहमेशा saloni Bhatia ram singh yadav jyoti Sharma Roshni Bano Sandeep Kumar Saveer