मैं बह रहा हूँ, निर्बाध, निःसंकोच, निरुद्देश्य, मेरा जीवन के प्रवाह पे कोई नियंत्रण नही, मैं इतने बंधनों में हूँ, की मुक्त हो गया हूँ, मैं बह रहा हूँ, निस्तेज,निरालक्ष्य, निर्दिष्ट, मैं मुक्त हो रहा हूँ, मैं बंधता जा रहा हूँ, बंधना मेरा स्वभाव है, मैं एक से मुक्त होता हूँ, तो दूसरे से बंध जाता हूँ, मैं सतत बंधन और मुक्ति के इस खेल में संलग्न हूँ, मैं बह रहा हूँ, रुकना संभवतः मेरा भाग्य नही, प्रारब्ध नही। ©The Urban Rishi मैं बह रहा हूँ, निर्बाध, निःसंकोच, निरुद्देश्य, मेरा जीवन के प्रवाह पे कोई नियंत्रण नही, मैं इतने बंधनों में हूँ, की मुक्त हो गया हूँ, मैं बह रहा हूँ, निस्तेज,निरालक्ष्य, निर्दिष्ट, मैं मुक्त हो रहा हूँ,