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तुम जब भी आये तभी बहुत सुकून मिला। भूख लगने पर आहा

तुम जब भी आये तभी बहुत सुकून मिला। भूख लगने पर आहार का प्रथम ग्रास जैसे ही जिह्वा तक आये तब,   प्यास लगने पर जल की वह प्रथम बूंदे जो कण्ठ से नीचे उतरीं तब, दूर से ही जब कोई प्रिय दिखलाई दे तब, जब दिखलाई दे जाएं हिमालय की श्वेत हिमाच्छादित चोटियां और प्रकृति की अद्भुत छटा तब, नदियों का कलकल स्वर सुनाई दे जाए तब, गंगा में स्नान करने पर बहुत सुकून मिलता है। #yolewrimo में आज पत्र लिखें सुकून के नाम।
#letters #सुकूनकेनाम  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
तुम जब भी आये तभी बहुत सुकून मिला। भूख लगने पर आहार का प्रथम ग्रास जैसे ही जिह्वा तक आये तब,   प्यास लगने पर जल की वह प्रथम बूंदे जो कण्ठ से नीचे उतरीं तब, दूर से ही जब कोई प्रिय दिखलाई दे तब, जब दिखलाई दे जाएं हिमालय की श्वेत हिमाच्छादित चोटियां और प्रकृति की अद्भुत छटा तब, नदियों का कलकल स्वर सुनाई दे जाए तब, गंगा में स्नान करने पर बहुत सुकून मिलता है। #yolewrimo में आज पत्र लिखें सुकून के नाम।
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