कभी उजाले की असहाय रोशनी कभी घुप अंधेरा सून-सान चांदनी कभी भीड अपनों की प्यार बाँटते कभी अकेले पन की रात काटते ये शहर ही कुछ एसा है #शहरयार #yqbaba #yqdidi #hindipoetry #हिंदी_कोट्स_शायरी #vatsa कभी उजाले की असहाय रोशनी, कभी घुप अंधेरा सून-सान चांदनी, कभी भीड अपनों की प्यार बाँटते, कभी अकेले पन की रात काटते,