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मन का दीप

मन का दीप                                         आओ  जलाये, 
उजियाला बाहर नहीं अपने मन में कर के दिखाए, 
आओ इस दिवाली पर अपनी हर बुराई को मिटाएँ, 
जो स्वप्न देखा था माँ बाप ने वैसा बन कर दिखाए | Nisha Dhiman ठंडा पानी;:9156219736 बृजेश कुमार बेबाक़ Balwant Kaur poet kv singh bhadresh"केशवम"
मन का दीप                                         आओ  जलाये, 
उजियाला बाहर नहीं अपने मन में कर के दिखाए, 
आओ इस दिवाली पर अपनी हर बुराई को मिटाएँ, 
जो स्वप्न देखा था माँ बाप ने वैसा बन कर दिखाए | Nisha Dhiman ठंडा पानी;:9156219736 बृजेश कुमार बेबाक़ Balwant Kaur poet kv singh bhadresh"केशवम"