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"दहेज" घिक्कार है, ऐसे समाज पर जो अब भी ऊंच-नीच और

"दहेज"
घिक्कार है, ऐसे समाज पर
जो अब भी ऊंच-नीच और भेदभाव 
के बंधन से मुक्त नही हो पाया है।
तराजू के काटे के जहां एक तरफ
वे अपने ही नीचता, लालच और
असंतोष के बोझ तले गिरते जाते है
तो वही दूसरी तरफ बिना समान
अधिकार के वे अपने ही मूल्यों एवं
आदर्शों का गला घोंट देते है।
- Avinash #Doury is a curse
"दहेज"
घिक्कार है, ऐसे समाज पर
जो अब भी ऊंच-नीच और भेदभाव 
के बंधन से मुक्त नही हो पाया है।
तराजू के काटे के जहां एक तरफ
वे अपने ही नीचता, लालच और
असंतोष के बोझ तले गिरते जाते है
तो वही दूसरी तरफ बिना समान
अधिकार के वे अपने ही मूल्यों एवं
आदर्शों का गला घोंट देते है।
- Avinash #Doury is a curse