मैं आपकी रहनुमाई में बस जरूरतों का प्यादा हूँ; आपकी उम्मीदों से कम अपनी बर्दाश्त से कुछ ज्यादा हूँ। दुनिया ने पढ़ लिया है मुझे खुली किताब की तरह; और आपके लिए न जाने क्यूँ एक छुपा हुआ इरादा हूँ। आप ही के रक्त मज्जे से जन्मा हूँ आप ही का हिस्सा हूँ; जाने क्यूँ लगता है जैसे मैं वारिस कम हिस्सेदार ज्यादा हूँ। मैं मुकम्मल हो ना पाया कभी नज़रों में आपकी; मिट गया वज़ूद फिर भी लगता है बचा हुआ मैं आधा हूँ। #अभिशप्त_वरदान #प्यादा #yqbaba #yqdidi #yqhindipoetry