कोई कहता है छक्का मुझे,को कहता मैं हिजड़ा हू..... मैं तो इश की सुंदर रचना बस गलती से ही तो बिछड़ा हू.... पर कोई मुझे रचना समझता ही नहीं,बस एक श्राप हू... अपना वजूद ढूंढ़ते-ढूंढ़ते,अपनो से ही बिछड़ा हू..... बददुआ है जिंदगी,पर दुआ देने खुशी के मौके पर जाता हू.... प्यार नहीं मिलता कही भी,बस तिरछी नज़र ही पाता हू.. जो सपने दूसरो के लिए आम है,वह मेरे लिए नामुमकिन है.. ताली बजाकर,दोनो हाथो से सपनो का गला दबाता हू.. . झूठी निकली ममता माँ की,छोड़ा दलदल में,अब दरदर भटकता हू... बिछड़ा बनाया खुदा ने, तालियो के सहारे,दुआए देता नफ़रत बटोरत हू.. किसी ने इस ताली पे ही सवाल किए, बिन ताली तू जिएगा कैसे... तब से लिखना शूरू किया दूसरों से ताली बजवाता हू,और उन्ही तालियो में ही मैं अब जीता हू.... A story of every transgender #navratri #transgender #nojoto #society #shame #story #talk