"मैंने दिल से कहा क्यूँ मचलता है तू बावरा सा हो कर, यादों में किसी की, तू मदमस्त खो कर. दिल ने कहा मुझसे तुझे न होता महसूस, न होती है फिक्र तुझे, इश्क़ में हूं, हां मैं गुम हूं, छोड़ बैठा हूं मैं तुझे. मैंने दिल से कहा, भूल है ये तेरी जानिब, इश्क़ एक छलावा है, एक मीठा ज़हर है ये, जिसका असर ज्यादा है. दिल ने कहा फिर, काफ़िर है तू इश्क़ का, इबादत न समझेगा, बैठ के तन्हा हो कर, इश्क़ की राह देखेगा..!" (दिल से गुफ्तगू) #NojotoQuote #Ishq_wala_love #naval_poetry #beparwah_ishq