इस कदर मुहब्बत थी उनसे, कि हम ख़ुद को भी भुला बैठे, तेरी एक मुस्कान के लिए, अपने दिल को रूला बैठे, हर दुआ में मैंने तुम्ही को मांगा, पर किस्मत मेरी मुझसे खफा निकली, जिससे बेइंतहा प्यार किया मैंने, वो तो बेवफा निकली।, वो भूल गई है मेरे प्यार को, उसका मुझसे मन भर गया, उसका मेरे लिए जो प्यार था, वो पूरी तरह मर गया, मेरी वफ़ा उसे याद न रही, छोटी सी बात पर वो खफा हो गई, जिसे देखकर जीया करते थे, आज वो बेवफा हो गई।, किसी गैर की बाहों में, सुकून मिलने लगा है उसे, आज हाथ पकड़ के घूम रही, मेरा छूना भी गवारा न था उसे, मेरा अकेला रहना मुश्किल हो गया है, मेरी जिंदगी मुझसे खफा हो गई, जिसे दुआओं में मां मांगा करते थे, आज वो बेवफा हो गई। ......#अमरदीप #Love