यूँ तो इस क़ैद से मुझे कोई ग़िला नहीं, मग़र ग़म है, जैसे बरसों से तू मिला नहीं, इलाज़ तो हर ज़ख्म का है पास मेरे, कम्बख़्त दर्द-ए-दिल को सुकूँ कभी मिला नहीं.. !! तनुज शर्मा.. #बदनाम_मोहब्बत #Night