Nojoto: Largest Storytelling Platform

एक स्वांस आएगी,तो एक स्वांस जानी ही पड़ेगी, पुरुष

एक स्वांस आएगी,तो एक स्वांस जानी ही पड़ेगी, 
पुरुष होगे तो स्त्री, स्त्री होंगे तो पुरुष,
 तक पहुंचना ही पड़ेगा,
 दबाव में सब होता ही जाएगा 
फिर मृत्यु भी होगी ही होगी..
जहां न स्वांस भीतर, जहां न स्वांस बाहर
जहां न स्त्री न पुरुष,
 जहां न दुख न पीड़ा का दबाव
जहां न जन्म न मृत्यु...
वहां सिर्फ आनंद..अनादि..अनंत..
आंओ खेलें खेल वफ़ा का, ये खेल है बहुत पुराना

©Andy Mann
  #मैं_और_तुम