बचे हैं अब बस कुछ गिने- चुने तारे। उस नीले शून्य गगन में।। कहीं देख कर उन्हें वो बातें याद न आ जाए वापस। वो तारे भी अब आँख से ओझल हैं।। #शर्मा_जी_के_कलम_से