शीशा तोड़ो, पत्थर तोड़ो, पर घर मेरा ना तोड़ो । हर कोई वाक़िफ़ है तुमसे बातें बड़ी बड़ी ना छोड़ो।। कवि रोशनलाल "हंस" शीशा तोड़ो, पत्थर तोड़ो, पर घर मेरा ना तोड़ो । हर कोई वाक़िफ़ है तुमसे बाते बड़ी बड़ी ना छोड़ो।। #शायर #शायरी #कवि #कविता #Shayar #Shayari #Kavi #Kavita