तीन पति एक लुगाई, बोड़खी-आमला सड़क किसकी है भाई। कल था मनीष भैया का बड्डे, किसने खोदे इस सड़क पर गड्डे। सड़क के गड्डो में तैरती है मछलियां, गड्डे कब भरोंगे मैं पुछरिया। चलते समय याद आये दिग्विजय। ना जाने कब मिलेगी इन गड्डो पर विजय। आओ सब मिलकर शोर करो सड़क न बने तो नेताओ डूब मरो।। मदन मोहन #amla #meltingdown