कर्महीन व्यक्ति, व्यक्ति नही धर्महीन मनुष्य, मनुष्य नही कर्म की साँझ में डुबता जा फल की अग्रिम चिंता को त्याग कर्म-धर्म के वैराग्य को जान तू अपने मानवता के सत्य को भलीभूत मान तू यही एकमात्र मानव-गोत्र का सम्मान जान तू The ancient truth drives from the #ranshetra krukshetra.