तेरा जिक्र आज भी मेखानों मैं हैं वो उम्दा नाज्म रखी दुकानों मैं हैं लोटा देता हूँ हर सौदागर को जान तेरी पहुच ऊँचे ठिकानों मैं हैं तेरा जिक्र आज भी मेखानों मैं हैं..... 2 तेरा वो लड़कपन , तेरी वो हँसी गूंजती आज भी मेरे कानो मैं हैं तेरा जिक्र आज भी मेखानों मैं हैं कायम हूँ आज भी तेरी उस कसम पे दफन यादे झाँकती भी नहीं रोशनदानों से तडफ खुदतक समेट दी मेने कहीं रुसवा ना हो सुना हैं तेरा रिश्ता अब ऊँचे खानदानों मैं हैं तेरा जिक्र आज भी मेखानों मैं हैं राशिद मोमिन Bhanupratap Singh {दाऊ}