पास मेरे प्रीतम जो खड़े पूछ रही क्या जाऊ घरे मेरे कदम बढ़ते न सजन कैसे कहु ये अपनी मिलन आँसू मेरे थमते न सजन धड़कती है दिल की धड़कन दूरी प्रेम की